कार्यक्रम |
'हृदयाचा उद्गार गझल ' |
मानस६ |
कार्यक्रम |
सस्नेह आमंत्रण- गझल सहयोगचा गझल मुशायरा - भेटलेली माणसे |
बेफिकीर |
कार्यक्रम |
रू-ब-रू: गझल आणि कवितांचा कार्यक्रम |
ज्ञानेश. |
कार्यक्रम |
काव्यरसिक मंडळ (डोंबिवली) ४४वे वार्षिक स्नेहसंमेलन, रविवार दि. १४ फेब्रुवारी २०१० |
जयन्ता५२ |
कार्यक्रम |
ऑनलाईन गझल मुशायरा |
मिल्या |
कार्यक्रम |
सस्नेह आमंत्रण - गझल सहयोगचा मुशायरा - हे गाव आपल्यांचे |
बेफिकीर |
कार्यक्रम |
सस्नेह आमंत्रण - गझल तिहाई |
अजय अनंत जोशी |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-३ : तुम्हारे खत में |
मानस६ |
गझललेख |
गझल तिहाई - वृत्तांत |
बेफिकीर |
गझललेख |
तळमळ |
मिलिन्द देओगओन्कर |
गझललेख |
'अन् गजल जुळे'...संक्षिप्त प्रस्तावना |
संपादक |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी , भाग १०: वह शख़्स कि मैं जिससे मुहब्बत नही करता |
मानस६ |
गझललेख |
सहज मनापर्यंत पोहोचलेले.... |
ह बा |
गझललेख |
शेरो-शायरी: दर्द मिन्नतकश-ए-दवा न हुआ |
मानस६ |
गझललेख |
सुरेश भटांच्या गझलांमधील तरल भावकाव्य |
सदानंद डबीर |
गझललेख |
'..तयार झालो!' एका अनामिक कवीची गझल. |
ज्ञानेश. |
गझललेख |
ज्योत छोटीशी जरी.. रसग्रहण |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
शे(अ)रो शायरी, भाग-७ : वो लब कि जैसे सागर-ए-सहबा दिखाई दे |
मानस६ |
गझललेख |
खरे तर दार वा-याने... |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
चांदण्याची तोरणे(पुस्तक परिचय) |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
मराठी गझलचे 'तंत्र’-काही प्रश्न. |
सदानंद डबीर |
गझललेख |
रंजकी जब... |
केदार पाटणकर |
गझललेख |
पहा ग़ालिब काय म्हणतो |
विश्वस्त |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-४ : खिलौने नहीं चलते |
मानस६ |
गझललेख |
हरफनमौला सुरेश |
विश्वस्त |