गझल |
हे शहरच आता दिसते... |
मधुघट |
गझल |
हवे हवे ते घडतच नाही, घडू नये ते घडून गेले |
मयुरेश साने |
गझल |
मागील ठरे शहाणा,पुढच्यास ठेच आहे. |
कैलास |
गझल |
भेट |
सोनाली जोशी |
गझल |
आवेग दाटलेला !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
उपाय पाहिजे |
गौतमी |
गझल |
पुन्हा |
क्रान्ति |
गझल |
दरवळ |
अमोल शिरसाट |
गझल |
दावा .. |
कमलाकर देसले |
गझल |
मिळो |
बापू दासरी |
गझल |
अंगार |
काव्यरसिक |
गझल |
ठेवला दडपून ज्यांनी... |
गौरवकुमार आठवले |
गझल |
तुझ्या आठवांना उजाळाच देतो... |
बहर |
गझल |
नूर... |
भूषण कटककर |
गझल |
वसंता (एक आस)... |
गौतम.रा.खंडागळे |
गझल |
अजिंक्य! |
निलेश |
गझल |
जीवना माझ्या बरोबर चालतांना |
स्नेहदर्शन |
गझल |
शेवट लिहलेला असतो सुरुवातीवरती |
शाम |
गझल |
आज उद्या |
इलोवेमे |
गझल |
लोक |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
वाणी |
क्रान्ति |
गझल |
तुझ्याच अंतरी विसावलो |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
दिसू लागले स्पष्ट जेवढे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
मावळाया लागलो |
निशिकांत दे |
गझल |
वर्तुळाबाहेर माझ्या... |
प्रदीप कुलकर्णी |