गझल |
भेटण्याचे राहिले |
स्नेहदर्शन |
गझल |
शक्य नाही |
स्नेहदर्शन |
गझल |
माझा मुलगा |
स्नेहदर्शन |
गझल |
जीवन तेंव्हा भिजत राहते |
स्नेहदर्शन |
गझल |
अंतरास जाळते व्यथा |
स्नेहदर्शन |
गझल |
मी कधी माझ्यात ही असणार नाही |
स्नेहदर्शन |
गझल |
जीवन तेंव्हा भिजत राहते |
स्नेहदर्शन |
गझल |
जीवना माझ्या बरोबर चालतांना |
स्नेहदर्शन |
गझल |
मनात येता विचार त्याचा उदास होते हसले तरी |
सोनाली जोशी |
गझल |
नको फिरून बोलणे नकोच आज भेटणे |
सोनाली जोशी |
गझल |
कशाला फुलांनी |
सोनाली जोशी |
गझल |
त्या कळीची रानवेड्या पाखराशी भेट झाली |
सोनाली जोशी |
गझल |
पहा दिशाही रुसून बसल्या तुझ्यासारख्या. |
सोनाली जोशी |
गझल |
आयुष्याचे रोप |
सोनाली जोशी |
गझल |
या श्वासाचा,कुणी भरोसा द्यावा , तू ये ना |
सोनाली जोशी |
गझल |
केवळ तुझी होऊन झंकारायचे |
सोनाली जोशी |
गझल |
मी मोजत असते रात्री |
सोनाली जोशी |
गझल |
गप्प नसती लोक काही नेमके पाहूनही |
सोनाली जोशी |
गझल |
का सूर नवा हा छेडत जाते भासांची वीणा ? |
सोनाली जोशी |
गझल |
या उदास रात्री |
सोनाली जोशी |
गझल |
तुला बोलावतो सागर तुला बोलावती वाटा |
सोनाली जोशी |
गझल |
चंद्र झालो मी कुणाचा अन किती डागाळलो मी.. |
सोनाली जोशी |
गझल |
रहस्ये गाडली गेली तळाशी |
सोनाली जोशी |
गझल |
भेट |
सोनाली जोशी |
गझल |
अनेक वर्षे जमीन उजाड पडून आहे |
सोनाली जोशी |