गझल |
हात होतो पुढे भिकार्यांचा |
बेफिकीर |
गझल |
गुपित |
पुलस्ति |
गझल |
कविता म्हणू प्रियेला.. |
गंगाधर मुटे |
गझल |
...हे नसे थोडके ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझललेख |
शेरो-शायरी: दर्द मिन्नतकश-ए-दवा न हुआ |
मानस६ |
गझल |
इतके धुळकट रस्ते इथले.... |
अनंत ढवळे |
गझल |
पाहिजे तेव्हा कुणीही... |
केदार पाटणकर |
गझल |
आहे उसंत कोठे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
मी जिथे नाही अशी जागाच नाही |
बेफिकीर |
गझल |
सडे मुरवुनी |
बेफिकीर |
गझल |
मी जरा बोलायला गेलो कुठे |
निलेश कालुवाला |
गझल |
माझ्यातला चांगुलपणा वर आण तू |
बेफिकीर |
गझल |
मोगरा |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
लाज ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
..प्राण नाही |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
मागचे जाती पुढे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
सुकावे लागले |
क्रान्ति |
गझल |
मंतरलेल्या सायंकाळी |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
दिसतो तुला जरी मी......... |
वैभव देशमुख |
गझल |
तुझे आच्छादलेले जग मला सांगून जाते |
बेफिकीर |
गझल |
प्रेम बहुधा |
बेफिकीर |
गझल |
गझल |
मिलिंद फणसे |
गझल |
योग नाही! |
क्रान्ति |
गझल |
करून झाले |
क्रान्ति |
गझल |
व्यर्थ |
आभाळ |