गझल |
...काळजी नको ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
रात्रभर |
पुलस्ति |
गझल |
सांग कोठे माणसा आहेस तू |
चित्तरंजन भट |
गझल |
आता माझी एक ओळही मलाच भावत नाही |
भूषण कटककर |
गझल |
केवढे चालणे हे मजल दरमजल..... |
बेफिकीर |
गझल |
मी बोचलो म्हणाले |
सोनाली जोशी |
गझल |
प्रकाश स्वप्ने.. |
बहर |
गझल |
अभ्यास |
आभाळ |
गझल |
करा साजरे वनवास काही .... |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
पुन्हा केव्हातरी बोलू... |
रुपेश देशमुख |
गझल |
हे तेच ते दिनरात.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
मनाला |
क्रान्ति |
गझल |
किती सुखाचे असेल |
क्रान्ति |
गझल |
रित |
कैलास |
गझलचर्चा |
काफियाचा प्रश्न |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
'' बरे दिसत नाही '' |
कैलास |
गझल |
रात्री जे घडले त्याची दिवसाला वार्ता नसते |
प्रणव सदाशिव काळे |
गझल |
वाटे पुन्हा पुन्हा.. |
बहर |
गझल |
वादळ ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
कधीकाळी तुझ्यासाठी |
आनंदयात्री |
गझल |
भूमिका |
क्रान्ति |
गझल |
गप्प नसती लोक काही नेमके पाहूनही |
सोनाली जोशी |
गझल |
सीमेवरती... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
देवास ज्ञात आहे (अल्लाह जानता है) |
कुमार जावडेकर |
गझल |
जुने पेच ते..... |
बहर |