गझल |
चंद्र झालो मी कुणाचा अन किती डागाळलो मी.. |
सोनाली जोशी |
गझल |
सूर्य माझ्या मागुनी येणार होता |
कैलास गांधी |
गझल |
कोणी |
चित्तरंजन भट |
गझल |
....सारे मला मिळाले !!! (गझल). |
supriya.jadhav7 |
गझल |
चांदण्या लेऊन झाला... |
ह बा |
गझल |
...काय करू मी ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
अंगार चित्तवेधी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
... या नभी अंधारवेना |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
बोलणे माझे ... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
ठुमरी |
पुलस्ति |
गझल |
मला वेळ नाही |
अलखनिरंजन |
पृष्ठ |
कधी कधी |
ज्योती बालिगा-राव |
गझल |
तू भेटली नव्हतीस तोवर |
मिल्या |
गझल |
...काळजी नको ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
तुझे ठसे... |
ज्ञानेश. |
गझल |
...शून्य माझी कलमकारी !! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
फुलासारखी... |
ज्ञानेश. |
गझल |
आता |
मिल्या |
गझल |
खुशाली |
क्रान्ति |
गझल |
पुन्हा सत्य स्वप्नांस तुडवून गेले |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
कशाला ? |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
सौदा |
आनंदयात्री |
गझल |
हा जुगार |
केदार पाटणकर |
गझल |
बुरखा |
विसुनाना |
गझलचर्चा |
आह को चहिये एक उम्र असर होने तक - अर्थ हवा आहे |
अजय अनंत जोशी |