गझल |
... या नभी अंधारवेना |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
...लुप्त |
ज्ञानेश. |
गझल |
मला वेळ नाही |
अलखनिरंजन |
गझल |
एक कविता |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
फुलांचा रस्ता.... |
वैभव देशमुख |
गझल |
कुठे म्हणालो परी असावी |
प्रणव सदाशिव काळे |
गझल |
तू भेटली नव्हतीस तोवर |
मिल्या |
गझल |
कोणी |
चित्तरंजन भट |
गझल |
..उशीर |
ज्ञानेश. |
गझल |
...काय करू मी ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
खुशाली |
क्रान्ति |
गझल |
रात्रभर |
पुलस्ति |
गझल |
पुन्हा सत्य स्वप्नांस तुडवून गेले |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
हा जुगार |
केदार पाटणकर |
गझल |
सौदा |
आनंदयात्री |
गझल |
आता माझी एक ओळही मलाच भावत नाही |
भूषण कटककर |
गझल |
ध्यास मला (काही शेर...) |
संतोष कुलकर्णी |
गझलचर्चा |
आह को चहिये एक उम्र असर होने तक - अर्थ हवा आहे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
...काळजी नको ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
सांग कोठे माणसा आहेस तू |
चित्तरंजन भट |
गझल |
केवढे चालणे हे मजल दरमजल..... |
बेफिकीर |
गझल |
.. तूही प्रसन्न हास ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
विरह |
कैलास |
गझल |
रात्र पुन्हा परीकथा रंगवेल |
प्रसाद लिमये |
गझल |
किती सोपे मला हे प्रेम करणे वाटले होते... |
बहर |