गझल |
तू कशी जाशील...? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
आस जागी.. |
चांदणी लाड. |
गझल |
ठेवणीतल्या आठवणींना.... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
यादगार |
भूषण कटककर |
गझल |
गेल्यात रे चकोरा बाटून या सरी... |
ह बा |
गझल |
किमया |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
सवे या.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
गेले हळूच जेव्हा मी चोरपावलांनी... |
सोनाली जोशी |
गझल |
पापणी अद्याप माझी... |
केदार पाटणकर |
गझल |
तसे नसेलही ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
पाहतो आहे पळाया दूर दुनियेहून मी |
मधुघट |
गझल |
मनसुबे |
पुलस्ति |
गझल |
पहिल्यासारखे |
गौतमी |
गझल |
पुढे सरू की जाऊ मागे... |
वैभव देशमुख |
गझल |
फुटत राहिल्या आयुष्याच्या बिलोर काचा....... |
अनंत ढवळे |
गझल |
पांडुरंगा |
प्रशान्त वेळापुरे |
गझल |
इतकी सुंदर ढाल? |
ह बा |
गझल |
कशाचा शोध काही घेत नसतो |
चित्तरंजन भट |
गझल |
माती |
मिल्या |
गझल |
अदृश्यच असतो क्रूस कधी |
चित्तरंजन भट |
गझल |
कधी र्हस्व माझाच मी दीर्घतो |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
तू दिलेली सोडचिट्ठी... |
ज्ञानेश. |
गझल |
...देऊ नये ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
वादळे उसळून आल्यावर.... |
केदार पाटणकर |
गझल |
खोटे असते हळहळणे |
अजय अनंत जोशी |