ज्ञानेशच्या गझला |
विश्वस्त |
हरफनमौला सुरेश |
विश्वस्त |
शांत मी राहू कशी |
विश्वस्त |
तोडले संबंध इतके जाहले |
विश्वस्त |
कवी चंद्रशेखर सानेकर ह्यांची दैनिक प्रह... |
विश्वस्त |
ही दुनिया घालत आहे कसले हे नवीन कपडे |
विश्वस्त |
आसवे |
विश्वस्त |
डोळे नाही दृष्टी |
विश्वस्त |
गझल |
विश्वस्त |
ठक! |
विश्वस्त |
गझल : एक विवेकशक्ती |
विश्वस्त |
परिपूर्ण |
विश्वस्त |
भटसाहेब ३ |
विश्वस्त |
अनंतची गझल |
विश्वस्त |
...स्वप्न सूर्याचे ! |
विश्वस्त |
काही वेळा... |
विश्वस्त |
भटांशी भेट : केदार पाटणकर |
विश्वस्त |
माणुसकीही मरण्याच्या बेतात जणूं |
विश्वस्त |
मराठी गझलांचे चैतन्य |
विश्वस्त |
केला खरेपणाचा नाही विचार त्यांनी |
विश्वस्त |
उजाड माळावरती हिरवळ शोधत गेलो |
विश्वस्त |
लागली आहे समाधी स्तब्ध पानन् पान माझे |
विश्वस्त |
तेंव्हाही |
विश्वस्त |
लोकांची संपदा |
विश्वस्त |
१ गझल : योगेश वैद्य |
विश्वस्त |