एकटा सागरकिनारा एकटा |
चित्तरंजन भट |
9 May 2014 |
कुणीच नव्हते आले निरोप देण्यासाठी ... |
अनंत ढवळे |
14 December 2007 |
कुठे नेतील या वाटा मनाला.... |
अनंत ढवळे |
24 November 2007 |
इतके धुळकट रस्ते इथले.... |
अनंत ढवळे |
13 May 2007 |
गझल |
अनंत ढवळे |
28 April 2007 |
खोल डोहाच्या तळाशी साचलेला गाळ हो |
बेफिकीर |
1 October 2014 |
नदीला सागराची ओढ असली तर असू द्या ना |
मिल्या |
29 September 2014 |
एकदा शून्यास माझ्या तू वजा कर... |
जयदीप |
22 September 2014 |
तुझे घन आजही बरसून माझी आसवे गेले |
वैभव वसंतराव कु... |
20 August 2014 |
इरेला पेटला आहे पिसारा |
अजय अनंत जोशी |
18 September 2014 |
खुल्या मनाने |
केदार पाटणकर |
18 September 2014 |
नेहमी गर्दी तुला जी लागते |
जयदीप |
9 September 2014 |
पायथा बांधायला आधार नव्हता जोरकस |
बेफिकीर |
11 July 2014 |
अतोनात तिटकारा येतो |
supriya.jadhav7 |
27 August 2014 |
शेवट लिहलेला असतो सुरुवातीवरती |
शाम |
21 August 2014 |
हाक |
प्रदीप कुलकर्णी |
14 March 2014 |
ऎकले आहे तुला ती साथ देते |
जयदीप |
5 September 2014 |
अशी कशी ही बदलत गेली सर्व माणसे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
26 May 2012 |
अबोल |
कैलास |
7 September 2014 |
वारे जरासे गातील काही.. |
अजय अनंत जोशी |
23 August 2014 |
सांग कोठे माणसा आहेस तू |
चित्तरंजन भट |
3 May 2012 |
आजच्या आज |
विजय दि. पाटील |
19 August 2014 |
गझल |
अनंत ढवळे |
8 August 2014 |
रस्ता देतो |
जयदीप |
24 August 2014 |
कसा करावा या भयगंडाचा निचरा |
अनंत ढवळे |
13 June 2007 |