गझल |
चमकण्याचे अचानक कारण येते... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
शरपंजर |
पुलस्ति |
गझल |
कैफ हा ओसाड का इतका ? |
चित्तरंजन भट |
गझल |
दूरचा किनारा |
योगेश्वर रच्चा |
गझल |
मी न माझा राहतो |
भूषण कटककर |
गझल |
आरंभ... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
..अभंग |
ज्ञानेश. |
गझल |
पाहतो आहे पळाया दूर दुनियेहून मी |
मधुघट |
गझल |
कवडसा |
बापू दासरी |
गझल |
गझल |
मयुरेश साने |
गझल |
खून केले... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
बाटली |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
ययाती |
मनोज सोनोने |
गझल |
ते सिंह गर्जनेला कोल्हे कुई म्हणाले................... |
मयुरेश साने |
गझल |
असा मी असामी |
भूषण कटककर |
गझल |
दिसतील पंख त्याचे |
भूषण कटककर |
गझल |
संकटे |
वीरेद्र बेड्से |
गझल |
मला येत नाही |
भूषण कटककर |
गझल |
वखत वेळ |
जयन्ता५२ |
गझल |
चालेल तोवर चालु दे ! |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
ती इतकी करारी वाटते |
निलेश कालुवाला |
गझल |
नांवही आता नुरे |
भूषण कटककर |
गझल |
माझे प्रेम |
rupali joshi |
गझल |
समिकरणे |
क्रान्ति |
गझल |
"खेळी" |
निलेश |