गझल |
उसवित बसले बूड कवी हे ज्या झोळ्यांचे |
ह बा |
गझल |
पाऊल वळले... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
...मी नवा-निराळा आशय ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
ईमान |
काव्यरसिक |
गझल |
हुंदका ओठातला पोटात नाही |
supriya.jadhav7 |
गझल |
ती संपली कहाणी |
जयन्ता५२ |
गझल |
छान रमल्यासारखे |
बेफिकीर |
गझल |
ना दिवाळी पाहिली या लक्तराने !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
व्यथा |
मिलिंद फणसे |
गझल |
राहिले न आजकाल वाचण्यासारखे... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
फुलांना दंश काट्यांचे हवे होते..... |
खलिश |
गझल |
''तुझ्याविना या जगात माझा जगावयाला नकार आहे'' |
कैलास |
गझल |
बोलण्याने बोलणे वाढेल आता |
चित्तरंजन भट |
गझल |
मनाला |
क्रान्ति |
गझल |
चालणे टाळायचे का? |
स्वामीजी |
गझल |
सुटे, मोकळे होण्यामध्ये हात जरा गुरफटले होते |
कैलास गांधी |
गझल |
श्रीमंत प्रेयसी |
भूषण कटककर |
गझल |
रात्र आली.... |
वैभव देशमुख |
गझल |
गुंजते कानात हाळी... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
कविता जुळून आली.. |
बहर |
गझल |
मधेच वाहते मधेच थांबते |
जयदीप |
गझल |
जाग |
काव्यरसिक |
गझल |
क्षणोक्षणी.... |
अमित वाघ |
गझल |
जपलेली हळहळ |
ह बा |
गझल |
मी एकटाच येथे माझ्या जगात आहे |
मी अभिजीत |