गझल |
पुढारी |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
काळीज |
मयूर |
गझल |
तुझ्या हातात माझ्या जिंदगीचा कासरा मी देत आहे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
ठिपका |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
कसा मेळ व्हावा? |
ज्ञानेश. |
गझल |
म्हटले होते |
क्रान्ति |
गझल |
'गझल अंतीम भूषणची.....' |
भूषण कटककर |
गझल |
पाहिले चालून त्याच्या सोबतीने |
बेफिकीर |
गझल |
प्रश्न हा फिजूल आहे शब्द हे बेचव कसे... |
कैलास गांधी |
गझल |
पहारे |
जयन्ता५२ |
गझल |
तुझा दोष नाही |
क्रान्ति |
गझल |
काय करावे आता? |
आरती सुदाम कदम |
गझल |
चाललो निघून मी |
केदार पाटणकर |
गझल |
अंदाज : डॉ. श्रीकृष्ण राऊत |
डॉ. श्रीकृष्ण राऊत |
गझल |
'' प्रश्न'' |
कैलास |
गझल |
कुठे नेतील या वाटा मनाला.... |
अनंत ढवळे |
गझल |
नकोसे वाटते |
क्रान्ति |
गझल |
ग झ ल : ७ (अ) : दुरूस्त आणी पुनः संपादित : मला तो का वियोगाची व्यथा देतो ? |
खलिश |
गझल |
बाग |
अभिषेक उदावंत |
गझल |
जायला हवे ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
गझल-आजही |
अनंत ढवळे |
गझल |
गोल फक्त हा सजीव ठेवला असेल तर? |
बेफिकीर |
गझल |
मी जरा बोलायला गेलो कुठे |
निलेश कालुवाला |
गझल |
शेर तुझ्यावर लिहिला आहे |
जयदीप |
गझल |
दाखला |
जयन्ता५२ |