गझल |
भक्तीविभोर....!! |
गंगाधर मुटे |
गझल |
स्मशानात जागा हवी तेवढी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
सोकावलेल्या अंधाराला इशारा |
गंगाधर मुटे |
गझल |
पराक्रमी असा मी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
नव्या यमांची नवीन भाषा |
गंगाधर मुटे |
गझल |
सत्ते तुझ्या चवीने |
गंगाधर मुटे |
गझल |
बत्तीस तारखेला |
गंगाधर मुटे |
गझल |
हे खेळ संचिताचे .....! |
गंगाधर मुटे |
गझल |
मरण्यात अर्थ नाही |
गंगाधर मुटे |
गझल |
'जग मल्लीकाचे आहे' - कवी ज्ञानेशची फर्माईश! |
गंभीर समीक्षा |
गझल |
या द्यूतामध्ये कितिदा.. |
गणेश धामोडकर |
गझल |
हातघाई |
गणेश धामोडकर |
गझल |
खेळ |
गणेशप्रसाद |
गझल |
गुन्हे |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
नाटकी |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
मधाळ हाय-बायचे काय करावे... |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
... तुरुंग सारे! |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
पुन्हा सत्य स्वप्नांस तुडवून गेले |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
करा साजरे वनवास काही .... |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
वसंता.... |
गौतम.रा.खंडागळे |
गझल |
रोखुन आसवे......... |
गौतम.रा.खंडागळे |
गझल |
जेव्हा मेघ दाटुन येते... |
गौतम.रा.खंडागळे |
गझल |
श्रीरंगा...... |
गौतम.रा.खंडागळे |
गझल |
वसंता (एक आस)... |
गौतम.रा.खंडागळे |
गझल |
तुझ्या हस्याने मझ घायाळ केले......... |
गौतम.रा.खंडागळे |