गझल |
पाहिजे ते.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
कधीकाळी तुझ्यासाठी |
आनंदयात्री |
गझल |
एक कविता |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
उमेद |
काव्यरसिक |
गझल |
पेटले सोयी प्रमाणे आणि नंतर गार झाले... |
कैलास गांधी |
गझल |
...लुप्त |
ज्ञानेश. |
गझल |
अर्थ |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
मी जसा भेटतो |
प्रसन्न शेंबेकर |
गझल |
हे खेळ संचिताचे .....! |
गंगाधर मुटे |
गझल |
गारवा..! |
मी अभिजीत |
गझल |
एकदा शून्यास माझ्या तू वजा कर... |
जयदीप |
गझल |
भूमिका |
क्रान्ति |
गझल |
साळसूद |
पुलस्ति |
गझल |
तुला पाहतो... |
मधुघट |
गझल |
..मी कुठे काही म्हणालो ? |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
गझल माझी तसतशी |
भूषण कटककर |
गझल |
श्वास झालो |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
सवाल... |
अमित वाघ |
गझल |
ऊठ तू आता तरी |
निशिकांत दे |
गझल |
पाहतो श्वासात कोठे . .लागतो काही सुगावा |
प्रसन्न शेंबेकर |
गझल |
मी मोजत असते रात्री |
सोनाली जोशी |
गझल |
जे कधी न जमले मजला |
सरदेसाई |
गझल |
स्वप्नं मोहरणार... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
गप्प नसती लोक काही नेमके पाहूनही |
सोनाली जोशी |
गझल |
पुन्हा पुन्हा !! |
supriya.jadhav7 |