गझल |
शुन्य शुन्यातुन वजा |
भूषण कटककर |
गझल |
भेटत राहू |
केदार पाटणकर |
गझल |
...कोठे जाऊ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
तू ..... |
supriya.jadhav7 |
गझल |
स्वप्न एखादे जणू... |
मिल्या |
गझल |
मला वेळ नाही |
अलखनिरंजन |
गझल |
पोरी.... |
अमित वाघ |
गझल |
गंध नाही फारसा... |
ज्ञानेश. |
गझल |
क्षणांची मीलने |
बेफिकीर |
गझल |
व्यथा |
मिलिंद फणसे |
गझल |
हा काळ हरामी मलाच गंडा घालून जातो |
कैलास गांधी |
गझल |
हृदय असते उगाचच! |
भूषण कटककर |
गझल |
संवेदनशिल विषयांना बाजार बनविले जाते |
शुभानन चिंचकर |
गझल |
प्रश्न..... |
शांत्सुत |
गझल |
बोलण्याने बोलणे वाढेल आता |
चित्तरंजन भट |
गझल |
चमकण्याचे अचानक कारण येते... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
शरपंजर |
पुलस्ति |
गझल |
कैफ हा ओसाड का इतका ? |
चित्तरंजन भट |
गझल |
दूरचा किनारा |
योगेश्वर रच्चा |
गझल |
मी न माझा राहतो |
भूषण कटककर |
गझल |
आरंभ... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
..अभंग |
ज्ञानेश. |
गझल |
पाहतो आहे पळाया दूर दुनियेहून मी |
मधुघट |
गझल |
गझल |
मयुरेश साने |
गझल |
खून केले... |
निरज कुलकर्णी |