गझल |
सत्य |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
जगून घे |
आदित्य_देवधर |
गझल |
जटायू |
पुलस्ति |
गझल |
खोल डोहाच्या तळाशी साचलेला गाळ हो |
बेफिकीर |
गझल |
गझल - ६.(ब) : साकी मला तू असा, गळका जाम देऊ नको : दुरूस्त आणी पुनः संपादित |
खलिश |
गझल |
पाय |
किमंतु |
गझल |
हातच दगडाखाली माझे... |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
एकरूप |
चांदणी लाड. |
गझल |
...कोठे जाऊ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
कोडे |
आदित्य_देवधर |
गझल |
विझले निखारे |
संतोष कसवणकर |
गझल |
तटांसारखे.. |
मानस६ |
गझल |
ना उन्हाळा भोगला मी फारसा |
कुमार जावडेकर |
गझल |
पोरी.... |
अमित वाघ |
गझल |
कसाबसा मी जगतो ते |
बेफिकीर |
गझल |
आता पुरे टवाळी - सुनेत्रा सुभाष |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
कवी |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
मी डाव मांडलेला........ |
मनिषा नाईक. |
गझल |
रेंगाळणे |
अनंत ढवळे |
गझल |
उगाच काहीतरी |
अलखनिरंजन |
गझल |
होतीस तू |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
...कुठे बेत आहे? |
ह्रषिकेश चुरी |
गझल |
माझ्या मनात थोडे... |
केदार पाटणकर |
गझल |
कधीतरी चांदण्यात दोघे.... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
भलतीच मर्यादीत ह्यांची झेप आहे |
बेफिकीर |