गझल |
रोजचेच |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
''चेहरा'' |
कैलास |
गझल |
हा स्वत्वाचा तपास मानू आता |
बेफिकीर |
गझल |
खूप वाकडा गेला |
बाण |
गझल |
मी जसा आहे तसा.. |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
आहे हयात अजुनी |
भूषण कटककर |
गझल |
सहज फिराया आलेला सासरला श्रावण. |
ह बा |
गझल |
आईच्या पोटात कधी हा भेद कुणी का शिकले? |
विजय दि. पाटील |
गझल |
मी खरे बोललो तेव्हा |
अजब |
गझल |
बदल |
काव्यरसिक |
गझल |
स्थित्यंतरे |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
कविता |
पुलस्ति |
गझल |
पाणी थकले, जमीन थकली... |
वैभव देशमुख |
गझल |
खिन्न शेते... |
अनंत ढवळे |
गझल |
ऋतुंची ऐकली कुजबूज मी |
बेफिकीर |
गझल |
गझल : मी तुझ्या प्रेमात आहे, तू मला ही प्रेम कर...... |
खलिश |
गझल |
मी विस्कटल्या खोलीत मनाच्या.. |
बहर |
गझल |
...जन्माचे आवर्तन सात... |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
पुन्हा केव्हातरी |
क्रान्ति |
गझल |
मिळेल का दोन घोट पाणी..... |
अनंत ढवळे |
गझल |
येतात सोबती हे.. |
मधुघट |
गझल |
तिजोरी |
आदित्य_देवधर |
गझल |
काजळ |
श्रीकान्त |
गझल |
'' शेवटी '' |
कैलास |
गझल |
पिणे सोडले मी…. |
अरविन्द पोहरकर |