गझल |
अदृश्यच असतो क्रूस कधी |
चित्तरंजन भट |
गझल |
म्हणालो त्यातले काहीच मी करणार नाही |
विजय दि. पाटील |
गझल |
भूल |
चक्रपाणि |
गझल |
वाणी |
क्रान्ति |
गझल |
तुझ्यामुळे... |
मधुघट |
गझल |
बत्तीस तारखेला |
गंगाधर मुटे |
गझल |
डाव |
बापू दासरी |
गझल |
दिसू लागले स्पष्ट जेवढे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
...ते तसे नव्हतेच, पण... |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
मुलगी |
बापू दासरी |
गझल |
संगमावरी दोन्ही प्रवाह तुंबळ लढणे |
बेफिकीर |
गझल |
दुःख गोठलेले मी... ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
मलीन ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
हा शब्दांच्या गुणसूत्रांचा दोष असावा |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
सणासुदीला नटणारा |
भूषण कटककर |
गझल |
ते पाखरू दिवाणे |
जयन्ता५२ |
गझल |
वारसा |
क्रान्ति |
गझल |
फक्त येवढा तिचा ... |
स्नेहदर्शन |
गझल |
तुला माहीत आहे ती |
भूषण कटककर |
गझल |
कुठून जायचे पुढे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
करारनामे |
ॐकार |
गझल |
कुणाकुणावर अजूनही तो प्रभाव होता |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
...नकोशा रात्री ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
''जीवन अंधारातच आहे'' |
कैलास |
गझल |
बोलू नकोस काही |
मयुरेश साने |