नवे लेखन
शीर्षक |
लेखक![]() |
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सुरेश भटांच्या गझलांमधील तरल भावकाव्य | सदानंद डबीर | |
सहज मनापर्यंत पोहोचलेले.... | ह बा | |
मीर तकी मीर ची एक गझल व त्याचे मराठी भा... | हेमंत पुणेकर | |
फासले ऐसे भी होंगे - भावानुवाद - असेल अ... | ॐकार |
मी जरी हासून आता बोलतो आहे ऋतूंशी
ऐन तारुण्यात माझा चेहरा गंभीर होता !
शीर्षक |
लेखक![]() |
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सुरेश भटांच्या गझलांमधील तरल भावकाव्य | सदानंद डबीर | |
सहज मनापर्यंत पोहोचलेले.... | ह बा | |
मीर तकी मीर ची एक गझल व त्याचे मराठी भा... | हेमंत पुणेकर | |
फासले ऐसे भी होंगे - भावानुवाद - असेल अ... | ॐकार |