नवे लेखन
शीर्षक![]() |
लेखक | |
---|---|---|
'अन् गजल जुळे'...संक्षिप्त प्... | संपादक | |
'..तयार झालो!' एका अनामिक... | ज्ञानेश. | |
बातचीत भटांशी | निनावी (not verified) | |
जगात काही कुरूप नाही, जगात काही सुंदर... | विश्वस्त |
सांग, मला दळणाऱ्या जात्या, जात नेमकी माझी !
ज्यांचे झाले पीठ मघा, ते कुठले दाणे होते ?
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लेखक | |
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'अन् गजल जुळे'...संक्षिप्त प्... | संपादक | |
'..तयार झालो!' एका अनामिक... | ज्ञानेश. | |
बातचीत भटांशी | निनावी (not verified) | |
जगात काही कुरूप नाही, जगात काही सुंदर... | विश्वस्त |