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धागे |
क्रान्ति |
25 June 2009 |
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सखे ठोठावते आहेस कुठले दार देहाचे? |
ॐकार |
16 February 2009 |
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गझल : रात्र सारी चांदण्याने दु:खः माझे पाहिले - पु नः संपादित |
खलिश |
21 June 2009 |
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आज उद्या |
इलोवेमे |
29 June 2009 |
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मन्मना...! |
काव्यरसिक |
27 June 2009 |
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वेदना |
काव्यरसिक |
27 June 2009 |
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मला माझ्या गुन्ह्याची फार मोठी स ज़ा झाली .... |
खलिश |
25 June 2009 |
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प्रवास |
इलोवेमे |
22 June 2009 |
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गजल |
कल्पना शिन्दे |
21 June 2009 |
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ग झ ल : रात्र थोडी गार होती ..... |
खलिश |
20 June 2009 |
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ग झ ल : तू कधी स्वप्नात माझ्या येशील का ? ..... |
खलिश |
19 June 2009 |
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तु जाता |
इलोवेमे |
19 June 2009 |
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गझल : हात माझ्या काळ्जाला लावू नको..... |
खलिश |
19 June 2009 |
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मनात येता विचार त्याचा उदास होते हसले तरी |
सोनाली जोशी |
17 April 2009 |
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एकांत माझा |
चांदणी लाड. |
15 June 2009 |
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आकांत |
क्रान्ति |
8 June 2009 |
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निघाल्या गवळणी पाण्याला.... |
निलेश |
4 June 2009 |
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उ:शाप |
क्रान्ति |
4 June 2009 |
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तु |
इलोवेमे |
18 June 2009 |
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आज का? |
क्रान्ति |
16 June 2009 |
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मोगरा |
इलोवेमे |
15 June 2009 |
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चार ओळी |
ज्ञानेश. |
3 June 2009 |
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रात आहे |
अनिकेत |
8 June 2009 |
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शब्दाना अडवीत गेले. |
नीता |
22 April 2009 |
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उभा ज् न्म गेला |
इलोवेमे |
13 June 2009 |