नवे लेखन
| प्रकार | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद |
|---|---|---|---|
| गझल | कारण कधीच नव्हते | अजय अनंत जोशी | 1 |
| गझल | तसे नसेलही ! | प्रदीप कुलकर्णी | 18 |
| गझल | वायदे करती हजारो | जगदिश | 9 |
| गझल | चांदणे प्रेमातले.... | ग. वि. मिटके | 6 |
| गझल | काय सांगू | सुनेत्रा सुभाष | 9 |
| गझल | आम्ही तहात गेलो! | मानस६ | 3 |
| गझल | . . . जशी तू | अजय अनंत जोशी | 4 |
| गझल | सीमेवरती... | अजय अनंत जोशी | 11 |
| गझल | खेळ | गणेशप्रसाद | 8 |
| गझल | पुन्हा... | अजय अनंत जोशी | 3 |
| गझलचर्चा | मीटर | adnya balak | |
| गझल | ही भूमी | प्रदीप गांधलीकर | 2 |
| गझल | धाक | प्रमोद बेजकर | 6 |
| गझल | इच्छा .. | अजय अनंत जोशी | 3 |
| गझलचर्चा | व्रुत्त | adnya balak | 3 |
| गझल | फालतूपणा | भूषण कटककर | 2 |
| गझल | लोकांमधल्या प्रतिमेला... | केदार पाटणकर | 16 |
| गझल | अशी वेळ आणू नको | गौतमी | 8 |
| गझल | डोळे जेव्हा भिडले होते | मधुरा | 6 |
| गझललेख | '..तयार झालो!' एका अनामिक कवीची गझल. | ज्ञानेश. | 6 |
| गझल | घोटाळा (हझल) | अजय अनंत जोशी | 7 |
| गझल | रजनीगंधा | सुनेत्रा सुभाष | 8 |
| गझल | तू कशी जाशील...? | प्रदीप कुलकर्णी | 17 |
| गझल | जसे काल होते तसे आज वाटे | अजय अनंत जोशी | 6 |
| गझल | केवढी आग लागली होती | अनंत ढवळे | 10 |