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गझल |
सांगतो प्रत्येक जण गर्दीतला..... |
अनंत ढवळे |
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गझल |
कसा करावा या भयगंडाचा निचरा |
अनंत ढवळे |
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गझल |
गझल |
अनंत ढवळे |
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गझल |
गझल - अनंत ढवळे |
अनंत ढवळे |
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गझल |
फुटत राहिल्या आयुष्याच्या बिलोर काचा....... |
अनंत ढवळे |
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गझल |
रेंगाळणे |
अनंत ढवळे |
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गझल |
तुला समजलो ,कुठे समजली तुझी सहजता |
अनंत ढवळे |
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गझल |
गझल - वाटते आहे |
अनंत ढवळे |
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गझल |
कशासाठी कुणासाठी... |
अनंत नांदुरकर खलिश |
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गझल |
आले वादळ गेले वादळ... |
अनंत नांदुरकर खलिश |
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गझल |
रात आहे |
अनिकेत |
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पृष्ठ |
अनिकेत धिवरे |
अनिकेत धिवरे |
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गझल |
ही तुझी माझीच आहे गोष्ट पण |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
ठिपका |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
एकदा आहे तुला भेटायचे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
पूर्वीगत पण आता काही लिहिवत नाही |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
चैन |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
वायदे बाजार |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
आज अचानक तुझी आठवण का यावी |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
आहे उसंत कोठे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
हा शब्दांच्या गुणसूत्रांचा दोष असावा |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
इतिहास |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
अशी कशी ही बदलत गेली सर्व माणसे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
किंमत |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
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गझल |
रस्ता |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |