|
गझल |
राहिलो एकेकटे दोघे जगत....! |
प्रदीप कुलकर्णी |
|
गझल |
रस्ता भरलेला असतो अन गर्दी साचत असते |
सोनाली जोशी |
|
गझल |
कैक मतले... |
मानस६ |
|
गझल |
प्रवास |
पुलस्ति |
|
गझल |
अशी कशी ही बदलत गेली सर्व माणसे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
|
गझल |
तळ |
मिलिन्द हिवराले |
|
गझल |
मी मोकळा |
अलखनिरंजन |
|
गझल |
गुणगुणावे मी तुला ...... |
वैभव देशमुख |
|
गझल |
बाजार |
आनंदयात्री |
|
गझल |
खेळ ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
|
गझल |
सुखास आता तुझे नाव आहे |
जयन्ता५२ |
|
गझल |
गुंता |
पुलस्ति |
|
पृष्ठ |
एवढीही आठवण येऊ नये |
विश्वस्त |
|
गझल |
मैत्री |
प्रसाद कुलकर्णी |
|
पृष्ठ |
नको रातराणी नको पारीजात |
योगेश जोशी |
|
गझल |
आताशा तो जरा निराळे वागत असतो |
सोनाली जोशी |
|
गझल |
तिथे ये पहाटे... |
ह बा |
|
पृष्ठ |
आसवे |
विश्वस्त |
|
गझल |
राजसा |
नितीन |
|
गझल |
आयुष्या |
जगदिश |
|
गझल |
कुठे म्हणालो?... (अजब) |
अजब |
|
गझल |
छडा लागला रे |
सुरेश शिरोडकर |
|
गझल |
सफाई पाहिजे अजुनी |
भूषण कटककर |
|
गझल |
नदीला सागराची ओढ असली तर असू द्या ना |
मिल्या |
|
पृष्ठ |
चळ |
सदानंद डबीर |