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गझल |
जीवन |
संतोष कुलकर्णी |
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गझल |
ना उन्हाळा भोगला मी फारसा |
कुमार जावडेकर |
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गझल |
स्वप्नं मोहरणार... |
जनार्दन केशव म्... |
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गझल |
करून झाले |
क्रान्ति |
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गझल |
दिसतो तुला जरी मी......... |
वैभव देशमुख |
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गझल |
व्यर्थ |
आभाळ |
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गझल |
तुकारामा उगा तू काढली पाण्यातुनी गाथा |
ह बा |
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गझल |
होकार |
आनंदयात्री |
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गझल |
योग नाही! |
क्रान्ति |
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गझल |
मी जिथे नाही अशी जागाच नाही |
बेफिकीर |
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गझल |
गझल - अनंत ढवळे |
अनंत ढवळे |
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गझल |
असे बाहेर डोकावू नका आतील दु:खांनो.... |
बेफिकीर |
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गझल |
लागला गळपफास तेव्हा तरतरी श्वासात आली! |
सतीश देवपूरकर |
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गझल |
टोचले होते.. |
अजय अनंत जोशी |
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गझललेख |
शेरो-शायरी: दर्द मिन्नतकश-ए-दवा न हुआ |
मानस६ |
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पृष्ठ |
पेंग- दीपक करंदीकर |
निनावी (not verified) |
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गझल |
ती इतकी करारी वाटते |
निलेश कालुवाला |
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गझल |
माझी आई |
ह बा |
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गझल |
एक वेडी वेदनेची जात आहे. |
मानस६ |
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गझल |
मंतरलेल्या सायंकाळी |
संतोष कुलकर्णी |
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गझल |
आयुष्यात रचेन एक कविता |
बेफिकीर |
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गझल |
मी जरा बोलायला गेलो कुठे |
निलेश कालुवाला |
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गझल |
फुलांना जर असे |
प्रमोद बेजकर |
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गझल |
...वजन एखादे नवे ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
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गझल |
माझ्यातला चांगुलपणा वर आण तू |
बेफिकीर |